आती है तो खिलती है गुलाबों की तरह क़तील शिफ़ाई Posted on May 8, 2020 by Hindi-Kavita आती है तो खिलती है गुलाबों की तरह देती है नशा तुंद शराबों की तरह लेकिन कोई देखे ये जवानी का मआल बिखरी है पढ़ी हुई किताबों की तरह Share this:TwitterWhatsAppFacebookLike Loading... Related